लेखनी कहानी -10-Jan-2023 मुहावरों पर आधारित कहानियां
15. स्टंटमैन
यह हास्य व्यंग्य "अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है" कहावत को ध्यान में रखकर लिखा गया है ।
मफलरमैन जोर जोर से चिल्ला रहा था
"कौन है ये एल जी ? कहां से आया है ये एल जी ? किसने बुलाया है इसे ? किसके इशारे पर काम कर रहा है ये" ?
उसकी चीखें बौखलाहट में तब्दील हो रही थी । यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि यह मफलरमैन अपनी विधान सभा में ही चीख रहा था जहां सब कुछ उसी के नियंत्रण में है, किसी और जगह नहीं । विधान सभा एक अध्यक्ष के नियंत्रण में काम करती है और ये अध्यक्ष किसने बनाया था ? जाहिर है कि इसी मफलरमैन ने ही बनाया था उसे अध्यक्ष । अत: अध्यक्ष तो एक कठपुतली मात्र है जबकि वास्तविक नियंत्रण तो इस मफलरमैन का ही है विधान सभा पर । इसीलिए यह मफलरमैन विधान सभा में इतना चीख रहा था, चिल्ला रहा था । यह कोई आज की ही बात नहीं है , ऐसा पहले भी बहुत बार हुआ है । जब जब संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों पर "भौंकना" हो , उन पर विष वमन करना हो, उन्हें गाली देनी हो तो इस कार्य के लिए विधान सभा सबसे सुरक्षित स्थान होती है क्योंकि यहां पर दी गई गालियों पर "मानहानि" का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है । इसलिए मफलरमैन यहां खुलकर दहाड़ता है क्योंकि अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है । ये विधान सभा इसकी गली जैसी हो तो है ।
लेकिन मफलरमैन इतना आक्रोशित क्यों है ? उसे इतना गुस्सा क्यों आता है ? उसने "ऐंग्री मैन" का अवतार धारण क्यों किया ? गाहे बगाहे इसका नजला प्रधानमंत्री और एल जी पर ही क्यों उतरता रहता है ? एक मुख्यमंत्री वो भी केन्द्र शासित प्रदेश का , अपने ही उप राज्यपाल के विरुद्ध हाथों में अभद्र भाषा में लिखे नारों की तख्ती लेकर सड़कों पर उतर कर "एल जी मुर्दाबाद" और "एल जी साहब होश में आओ" जैसे नारे लगाते हुए नजर आ जाते हैं ।
हमें मफलरमैन ने बताया है कि होश में लाने के लिए पानी के छींटों की जरूरत नहीं होती है, बल्कि नारों की होती है । नारे लगाने से अच्छे अच्छे लोग होश में आ जाते हैं । वैसे मेरा यह सुझाव है कि मफलरमैन को यह तरीका अपने शिक्षा के मॉडल में अपने पाठ्यक्रम में जुड़वा लेना चाहिए । हल्दी लगे ना फिटकरी और रंग चोखा आवे, ऐसे काम तो करने ही चाहिए ना ?
इसका भी कारण बड़ा हास्यास्पद बताया जा रहा है । पिछले नौ सालों से पूरे संसार में ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल संसार का सबसे अच्छा शिक्षा का मॉडल है । इसका सबूत तो मफलरमैन ने "न्यूयार्क टाइम्स" , "अल जजीरा" और "बीबीसी" जैसे अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट की प्रति विधान सभा में लहरा लहरा कर दे दिया था । अब किसी और सबूत की आवश्यकता है क्या ? वैसे भी एक कहावत बहुत प्रचलित है "ना कोर्ट ना कचहरी , मफलरमैन जो कहे वही बात है सौ टका खरी" । मतलब मफलरमैन यदि किसी को भ्रष्ट बता दे तो वह सौ फीसदी भ्रष्ट है । उसे तुरंत फांसी दे देनी चाहिए । और यदि किसी भ्रष्ट अफसर या मंत्री को मफलरमैन "कट्टर ईमानदार" बता दे तो उसे "भारत रत्न" पुरुस्कार दे देना चाहिए । मफलरमैन की बातों पर अगर कोई विश्वास नहीं करे तो उसे भ्रष्ट, अराजक, अलोकतांत्रिक, असहिष्णु, हिटलर की औलाद, तानाशाह, साइकोपैंथ" और ब्ला ब्ला ब्ला घोषित कर दिया जाना चाहिए । जब मफलरमैन ने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को संसार की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रणाली घोषित कर दिया है तो फिर उस पर अन्य किसी को उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है । पता नहीं ये "भगवा" लोग इस बात को मान क्यों नहीं रहे हैं ?
अब आप ये मत कह देना कि चीखने चिल्लाने का शिक्षा प्रणाली से क्या संबंध है ? अभी उस पर आते हैं । दरअसल मफलरमैन अपने कुछ शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए "फिनलैंड" भेजना चाहते हैं और वो भी सरकारी खर्चे पर । बस, पेंच यहीं हैं । जब आपकी शिक्षा प्रणाली विश्व की अनूठी प्रणाली है तो फिनलैंड को ही नहीं संपूर्ण विश्व को तो आपके विद्यालयों में आना चाहिए प्रशिक्षण के लिये , पर आप उल्टे बांस बरेली को भेजने पर क्यों अड़े हुए हैं ? और हमने तो कभी फिनलैंड का नाम श्रेष्ठ शिक्षा प्रणाली के देशों में नहीं सुना है , हो सकता है आपने सुना हो । यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है, केन्द्र शासितप्रदेश है । यहां की प्रशासनिक इकाई का मुखिया मुख्यमंत्री नहीं उपराज्यपाल होता है । अत : फिनलैंड भेजने वाली फाइल एल जी साहब ने बैरंग लौटा दी , बस, मफलरमैन की ....जल गई । असल कहानी यही है । जो आदमी खुद को संविधान से भी ऊपर समझता है उसकी फाइल को एल जी साहब कचरा पात्र में फेंक दें, यह मफलरमैन को कैसे सुहायेगा ? इसीलिए ये चिल्ल पौं मची हुई है ।
अच्छा, एक बात और है । ऐसा नहीं है कि मफलरमैन इन शिक्षकों को फिनलैंड भेजना ही चाहता है । उसे तो मोदी जी से भिड़ने का बहाना चाहिए बस । पंजाब में मफलरमैन की सरकार है और पंजाब एक पूर्ण राज्य है । पूर्ण राज्य के मुख्य मंत्री को समस्त प्रशासनिक अधिकार हैं । इसलिए मफलरमैन चाहे तो पंजाब से डेलिगेशन फिनलैंड भेज सकता है । मगर उसे कोई डेलिगेशन भेजना ही नहीं है, उसे तो एल जी के बहाने से मोदी जी से भिड़ते हुए दिखना भर है जिससे मोदी विरोधी वोट उसकी झोली में आ गिरें । बस यही कारण है इतना चीखने और चिल्लाने का ।
सन 2024 के चुनावों की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी है । कोई "भारत तोड़ो यात्रा" निकाल रहा है तो कोई "पलटूराम" जातीय जनगणना करवा रहा है । कोई खम्मम में शक्ति प्रदर्शन कर रहा है तो कोई "जय श्रीराम" के नारे से भड़क कर नौटंकी कर रही है । कोई रामचरितमानस पर विवादास्पद बयान देकर एक समुदाय का मसीहा बनना चाहता है तो कोई कुछ और ऊलजलूल बयान देकर सुर्खी बटोरना चाहता है । सब नेता लोग अपनी अपनी गोटियां फिट करने में लग रहे हैं । अपने मुंह मिंया मिठ्ठू बनना तो कोई मफलरमैन से सीखे । सारी मीडिया को खरीदकर अपनी जेब में रख रखा है बंदे ने । और वे महान पत्रकार जो कहते थे कि पत्रकार का काम है सत्ता से सवाल करना । ऐसे सभी पत्रकार मफलरमैन के आगे दुम हिलाते देखे गये हैं ।
दरअसल इस देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है जो धार्मिक और जातीय आधार पर मोदी जी को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानकर चलता है । ऐसे समुदायों का वोट पाने के लिए मोदी जी को गाली देना और उनसे लड़ते दिखना नितांत आवश्यक है । अत : इसी कवायद में यह सब नौटंकी चल रही है । रामचरितमानस को अपशब्द कहना , जय श्रीराम से नफरत वगैरह सब इसी योजना के अंग हैं । "खुदा भी माफ नहीं करेगा" बयान देने वाला मफलरमैन सबसे बड़ा स्टंटमैन है वह प्रधानमंत्री पद के बाकी दावेदारों से आगे निकलना चाहता है । 2024 के दावेदारों को तो आप जानते ही होंगे ? अब ये स्टंटबाजी 2024 तक अनवरत चलती रहेगी , ये मेरा दावा है और इससे भी भयंकर नजारे देखने को मिलेंगे । तो दोस्तो, एक सवा साल बड़ी बड़ी नौटंकियां और स्टंट देखने के लिए तैयार रहना । यह साल बहुत मजेदार रहने वाला है ।
श्री हरि
18.1.2023
Renu
20-Jan-2023 05:12 PM
👍👍🌺
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Hari Shanker Goyal "Hari"
22-Jan-2023 08:05 PM
💐💐🙏🙏
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Punam verma
19-Jan-2023 09:24 AM
Very nice
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Hari Shanker Goyal "Hari"
19-Jan-2023 12:40 PM
धन्यवाद जी
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Abhinav ji
19-Jan-2023 08:45 AM
Very nice 👌
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Hari Shanker Goyal "Hari"
19-Jan-2023 12:40 PM
धन्यवाद जी
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